बिना बुलाए लगुन में खाना खाने पहुंचे, टोकने पर गोलियां चलाईं, दूल्हे के चाचा की मौत

ग्वालियर. ग्वालियर से करीब 25 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर के विलारा गांव में मंगलवार रात एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक के भतीजे का लगुन-फलदान समारोह चल रहा था। इसी बीच गांव के ही तीन युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्या करने वाले तीनों युवक आपस में रिश्तेदार हैं।


तीनों आरोपी बिना निमंत्रण के खाना खाने पहुंचे थे। इस दौरान किसी ने उन्हें टोक दिया। इस पर वे खाना खाने के बाद बाहर गए और 20 मिनट बाद लौटते ही उन्होंने समारोह में लाइसेंसी बंदूक से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। एक गोली दूल्हे के चाचा ऊदल पुत्र जसवंत सिंह कुशवाह (30) के सीने में जा लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या करने के बाद आरोपी कार में सवार होकर भाग गए। घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया। हत्यारों के नाम हरेंद्र राणा, बाली राणा और गुड्‌डू राणा हैं। हरेंद्र राणा बाली का चचेरा भाई है, जबकि गुड्डू भी रिश्तेदार है। पुलिस अभी हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।


यह बना मौत का कारण



  • जब गुड्‌डू और बाली बिना बुलाए खाना खाने पहुंच गए तो दूल्हे के किसी रिश्तेदार ने टोक दिया था। इसे यह लोग अपनी बेइज्जती समझ बैठे। फिर इन लोगों ने वापस आकर फायरिंग कर दी। हालांकि दूल्हे के पिता का कहना है कि इनसे किसी ने कुछ नहीं कहा था।


जिसकी मौत हुई, उसी पर थी कार्यक्रम की जिम्मेदारी



  • जिस घर में शहनाई बज रही थी। वहां मातम छा गया। इस शादी की पूरी जिम्मेदारी ऊदल ही संभाल रहा था। शादी की पूरी खरीदारी उसी ने की थी। ऊदल पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। उसके एक 6 साल का बेटा है।


भगदड़ में एक बच्चा और महिला गिरने से घायल



  • कार्यक्रम में एक के बाद एक गोलियां चलने से वहां भगदड़ मच गई। इस दौरान लोग इधर से उधर भागे तो भगदड़ में एक बच्चा और एक महिला गिरने से घायल हो गई। इन्हें हल्की चोट आई हैं।


प्रत्यक्षदर्शी: मेरे सामने मेरे भाई को मार डाला, 20 मिनट पहले ही खाना खाकर बोले थे हत्यारे, आते हैं भाईसाहब
"मेरे बेटे देवाराम की शादी 9 फरवरी को है। शादी से पहले मंगलवार को लगुन-फलदान कार्यक्रम था। लगुन चढ़ने के बाद रात करीब 9.30 बजे खाना चल रहा था। छत पर वधु पक्ष के लोग बैठे थे। नीचे पंडाल में कुछ रिश्तेदार मौजूद थे। हमने गांव में सीमित लोगों को ही बुलाया था। हरेंद्र, गुड्‌डू और बाली को हमारे यहां से निमंत्रण नहीं गया था। लेकिन फिर भी गुड्‌डू और बाली खाना खाने आ गए। मैं ही खाना परोस रहा था, जब वे लोग पंगत में बैठ गए तो मैंने इन्हें भी खाना परोस दिया। मैंने तो इन्हें टोका तक नहीं। खाना खाने बाद यह लोग मेरे पास आए और बोले कि आते हैं भाईसाहब। मैंने हाथ जोड़कर विदा किया। 20 मिनट बाद ही बाली, गुड्‌डू हरेंद्र आए और इन्होंने लाइसेंसी बंदूक से पहले हवाई फायर किया। गोली की आवाज सुनकर मेरा भाई ऊदल ऊपर से नीचे की तरफ आ रहा था। वह उतर ही नहीं पाया, तब तक मेरे सामने मेरे भाई के सीने में गोली मार दी। फिर दो फायर और किए। इसके बाद कार से भाग निकले। मेरे भाई ने माैके पर ही दम तोड़ दिया। ये लोग मेरी तरफ भी गोलियां चला रहे थे, लेकिन गोली दीवार में लगी।" -खेर सिंह कुशवाह,मृतक का भाई



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